पहेलियाँ: Paheliyan (Puzzles)
पहेलियाँ आँखे दो हो चाहे चार मेरे बिना कोट बेकार घुसा आंख में मेरे धागा दर्जी के घर से मैं भागा टिक टिक टिक टिक चलती जाऊं सबको ही मैं समय बताऊं काम समय से जो कर पाए वही मेरा नाम बताएं नीचे पटको ऊपर जाऊं ऊपर से फिर नीचे आऊं आऊं जाऊं आऊं जाऊं ...