Articles for category: कविता/Poem

दुनिया रंग बिरंगी

दुनिया रंग बिरंगी: Duniya Rang Birangi Poem

दुनिया रंग बिरंगी नीले जैसा खुला आकाश है सागर का नीला पानी है मोर के सुंदर पंख है और पेड़ पर बैठे पंछी है पिला, जैसा चमचमाता सूरज पका आम और केला है सब्जियों में नींबू है और सूरजमुखी का फूल है लाल जैसे फलों में सेब है खुशबू दर फूल गुलाब है चेरी और ...

दूर देश से आई तितली

दूर देश से आई तितली : Dur Desh Se I Titali Poem

दूर देश से आई तितली दूर देश से आई तितली चंचल पंख हिलाती फूल फूल पर कली-कली पर इतराती इठलाती यह सुंदर फूलों की रानी घून की मस्त दीवानी हरे भरे उपवन में आई करने को मनमानी कितने सुन्दर पर है इसके जगमग रंग रंगीले लाल, हरे, बैगानी, बसंती काले नीले पीले कहां कहां से ...

देश हमारा

देश हमारा: Desh Hamara Poem

देश हमारा देश हमारा सबसे न्यारा प्यारा हिंदुस्तान ऊंचे ऊंचे पर्वत सुंदर अपने पहरेदार जल से सदा भारी है नदिया देश बना गुलजार झरने गाते गीत मनोहर सुंदर मीठी तान रंग-बिरंगे पंखों वाले पक्षी करे कलोल मोर पपीहा तोता कोयल बोले मीठे बोल हम भी इनके स्वर में स्वर भर करे देश गुणगान बारी बारी ...

Chidiyon Ka Sansar Poem

Chidiyon Ka Sansar Poem: चिड़ियों का संसार कविता

चिड़ियों का संसार सबसे पहले मेरे घर का अंडे जैसा था आकार तब मैं यही समझती थी बस इतना सा ही है संसार फिर मेरा घर बना घोंसला सूखे तिनको को से तैयार तब मैं यही समझती थी बस इतना सा ही है संसार फिर मैं निकल गई शाखो पर हरी-भरी थी जो सुकुमार तब ...

Chand Ka Kurta/चाँद का कुर्ता

Chand Ka Kurta/चाँद का कुर्ता

चाँद का कुर्ता एक बार की बात काहू मैं चंदा बोला अपनी माँ से कुर्ता एक नाप का माँ मुझको सिलवा दे नंगे तन बारह महीने मैं यो ही घुमा करता सर्दी, गरमी, वर्षा हरदम बड़े कष्ट से सहता माँ ने कहा पुत्र से अपने चुमकर कर उसका मुखड़ा बेटा खूब समझती हूं मैं तेरा ...