Articles for category: कविता/Poem

बहुत हुआ

बहुत हुआ : Bahut Hua Poem

बहुत हुआ बादल भैया बहुत हुआ किचड़ किचड़ पानी पानी याद सभी को आई नानी सारा घर दिन रात चूआ जाए कहां कहां पर खेले घर में फंसे बोरियत झेले जो पिंजरे में मौन सुआ सूरज दादा धूप खिलाये ताल नदी सड़को से जाये तुम भी भैया करो दुआ! Summary(सारांश) बहुत हुआ कविता का भावार्थ ...

हम भारत की शान हैं

हम भारत की शान हैं : Ham Bharat Ki Shan Hai Poem

हम भारत की शान हैं नन्हें नन्हें हमें ना समझो हम भारत की शान है हमसे ही है धरती सारी फ़ैला यह आसमान है फूल है हम इस बगिया के खुश बू फ़ैलाना काम है बढ़ चढ़ कर आगे जायेंगे करते काम महान है ऊंचे ही उठते जाना है आगे ही बढ़ते जाना है बढ़ें ...

पहेलियाँ: Paheliyan-Puzzles

पहेलियाँ: Paheliyan (Puzzles)

पहेलियाँ आँखे दो हो चाहे चार मेरे बिना कोट बेकार घुसा आंख में मेरे धागा दर्जी के घर से मैं भागा टिक टिक टिक टिक चलती जाऊं सबको ही मैं समय बताऊं काम समय से जो कर पाए वही मेरा नाम बताएं नीचे पटको ऊपर जाऊं ऊपर से फिर नीचे आऊं आऊं जाऊं आऊं जाऊं ...

सुबह कहां से आता सूरज

सुबह कहां से आता सूरज: Subah kahan se Aata Suraj Poem

सुबह कहां से आता सूरज सुबह कहां से आता सूरज कहां शाम को जाता है घर है इसका कहां, जहां ये अपनी रात बिताता है अमृत ​​बरसाता किरण किरणो से, चाँद कहाँ से आता है कैसे प्रतिदिन तारों के दल से अम्बर भर जाता है इतना सुंदर इंद्र धनुष है कैसे बनाता मिटाता है किसी ...

कोई ला के मुझे दे

कोई ला के मुझे दे: Koi Laa ke Mujhe De, Damodar Agarwal Poem

कोई ला के मुझे दे कुछ रंग भरे फूल कुछ खट्टे मीठे फल थोड़ा जमुना का जल कोई ला कर मुझे दे एक सोना जड़ा दिन एक रूपों भरी रात एक फूलों भरा गीत एक गीतों भरी बात कोई ला कर मुझे दे एक छाता छांव का एक धूप की घड़ी एक बादलों का कोट ...

मीठे बोल Mithe Bol Poem

मीठे बोल: Mithe Bol Poem

मीठे बोल मीठा होता खस्ता खाजा मीठा होता हलवा ताजा मीठे होता गट्टे गोला सबसे मीठे मीठे बोल मीठे होते आम निराले मीठे होते जामुन काले मीठे होते गन्ना गोल सबसे मीठे मीठे बोल मीठा होता दाख़ छुहारा दाग मीठा होता है शर्कर परा मीठा होता रस का घोल सबसे मीठे मीठे बोल मीठी होती ...

टेसू राजा Tesu Raja Poem

टेसू राजा: Tesu Raja Poem रामधारी सिंह दिनकर

टेसू राजा टेसू राजा अड़े खड़े मांग रहे हैं दही बड़े बड़े कहां से लाऊँ मैं पहले खेत खुदाऊँ मैं उसमें उड़द ऊगांऊँ मैं फसल काट घर लाऊँ मैं छान फटक रखवाऊँ मैं फिर पीटी पीशवाऊँ मैं टिकिया गोल बनाऊँ मैं बेलन से बेलवाऊँ मैं चूल्हा फूँक जलाऊँ मैं तलवा कर सीकवाऊँ मैं फिर पानी ...

बढ़े चलो Badh Chalo Peom

बढ़े चलो: Badh Chalo Peom

बढ़े चलो वीर तुम बढ़े चलो धीर तुम बढ़े चलो हाथ में ध्वजा रहे बाल दल सजा रहे ध्वज काभी झुके नहीं दल कभी रुके नहीं वीर तुम बढ़े चलो धीर तुम बढ़े चलो सामने पहाड़ हो सिंह की दहाड़ हो तुम निडर हटो नहीं तुम निडर डटो वही वीर तुम बढ़े चलो धीर तुम ...

Ham Balak Hai Poem

हम बालक है: Ham Balak Hai Poem

हम बालक है… हम बालक हैं अति नादान तुम हो प्रभु ज्ञान की खान वही वास्तु दे हमको आप जिसे मिटें सभी संताप बुद्धि शुद्ध हो निर्मल ज्ञान हो जाए सबका कल्याण तुम पर सदा रहे विश्वास कभी न करे पराये आस सेवा करें, समान करें सबको दो ऐसा वरदान भूले नहीं तुम्हारी याद करें ...

kahan Rahegi Chidiya Peom

कहां रहेगी चिड़िया: kahan Rahegi Chidiya Peom

कहां रहेगी चिड़िया आँधी आई जोर शोर से डाले टूटी है झकोर से उड़ा घोंसला, अंडे फूटे किससे दुख की बात कहेगी अब यह चिड़िया कहाँ रहेगी हमने खोला अलमारी को बुला रहे हैं बेचारी को पर वो ची ची करती है घर में तो वह नहीं रहेगी अब यह चिड़िया कहां रहेगी घर में ...