हम भारत की शान हैं

Dinesh Kumar

हम भारत की शान हैं : Ham Bharat Ki Shan Hai Poem

Ham Bharat Ki Shan Hai Poem, हम भारत की शान हैं

हम भारत की शान हैं

हम भारत की शान हैं

नन्हें नन्हें हमें ना समझो

हम भारत की शान है

हमसे ही है धरती सारी

फ़ैला यह आसमान है

फूल है हम इस बगिया के

खुश बू फ़ैलाना काम है

बढ़ चढ़ कर आगे जायेंगे

करते काम महान है

ऊंचे ही उठते जाना है

आगे ही बढ़ते जाना है

बढ़ें चलेंगे नहीं रुकेंगे

हम भारत की शान है

Summary(सारांश)

हम भारत की शान हैं कविता का भाव अर्थ यह है कि छोटे बच्चों से कवि यह कह रहा है कि हम देश के शान है और यह देश हमसे है हमारे ऊपर निर्भर है अगर हम हैं तो धरती सारी है आसमान फ़ैला हुआ है फूल है खुशबू है हम बढ़ चढ़कर उसमें हिस्सा ले रहे हैं कम भी हम ऐसा कर रहे हैं कि आगे ही आगे बढ़ते जायेंगे हमने पीछे मुड़कर नहीं देखना है क्योंकि हमारी सोच ही है आगे ही आगे चलना हम भारत की शान है कवि ये कहना चाहता है कि हम सब बच्चे भारत की शान है हमारे से भारत है हम हैं तो भारत है और हम आगे चलकर और भी महान और अच्छा काम करेंगे अपने देश के लिए

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