kahan Rahegi Chidiya Peom

Dinesh Kumar

कहां रहेगी चिड़िया: kahan Rahegi Chidiya Peom

kahan Rahegi Chidiya Peom, कहां रहेगी चिड़िया

कहां रहेगी चिड़िया

कहां रहेगी चिड़िया

आँधी आई जोर शोर से

डाले टूटी है झकोर से

उड़ा घोंसला, अंडे फूटे

किससे दुख की बात कहेगी

अब यह चिड़िया कहाँ रहेगी

हमने खोला अलमारी को

बुला रहे हैं बेचारी को

पर वो ची ची करती है

घर में तो वह नहीं रहेगी

अब यह चिड़िया कहां रहेगी

घर में पेड़ कहां से लाए

कैसे यह घोंसला बनाये

कैसे फूटे अंडे जोड़े

किसे यह सब बात कहेगी

अब यह चिड़िया कहां रहेगी

लेखक -महादेवी वर्मा

सारांश(Summary)

कहां रहेगी चिड़िया: यह कविता बहुत ही सुंदर है जो महादेवी वर्मा द्वारा लिखा गया है कवित्री यह कहना चाहती है कि जब आंधी तूफान आता है और अपने देखा होगा कि कई बार काफी जोर से तूफान आता है पेड़ का जो डाली है टूट जाता है चिड़िया का जो घोंसला होता है यानी उसका घर होता है वह टूट जाता है उसमें अंडे होते हैं वह फूट जाता है और यह दुख किसे बताएगी अब चिड़िया कहां रहेगी, कवि का कहना है हमने तो आलमारी भी खोली उसे बुलाया तक भी लेकिन वो आई नहीं वही दूसरी पंक्ति में यह कहना चाहती है कि घर में हम पेड़ कहाँ से लाएँ और उनके तरह हम घोंसला कैसे बनायें कैसे फूटे अंडे जोड़े यह बात अब किससे कहेगी, कहां रहेगी चिड़िया

kahan Rahegi Chidiya Peom

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प्रश्न और उत्तर

Q.1 चिड़िया बुलाने पर अलमारी में रहने के लिए क्यों नहीं आ रही थी

Ans – क्योंकि चिड़िया पेड़ पर रहती है और उन्हें डर लगता है कि हमे जो इंसान है वो पकड़ लेगा और चिड़िया घर में नहीं रहती इसिलिये चिड़िया घर में आने से डरती थी और चिड़िया आलमारी में बंद नहीं होना चाहती वो खुली आसमान में पंख पसार कर उड़ान चाहती है

Q. 2 जोर-जोर से आंधी आने पर क्या-क्या हुआ

Ans -जोर – जोर से आंधी आने पर पेड़ की जो डाली थी वह टूट गई चिड़िया का घोंसला उजड़ गया अंडे टूट गई, छत बिछत हो गया चिड़िया का घर उजड़ गया और कवि यह कहना चाहती है कि अब चिड़िया कहां रहेगी वह अपनी बात किसे कहेगी

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