कर्पूरी ठाकुर: बिहार के जननायक कर्पूरी ठाकुर को मिला भारत रत्न

Dinesh Kumar

कर्पूरी ठाकुर: बिहार के जननायक कर्पूरी ठाकुर को मिला भारत रत्न

कर्पूरी ठाकुर, बिहार के जननायक कर्पूरी ठाकुर को मिला भारत रत्न

कर्पूरी ठाकुर

बिहार के जननायक कहे जाने वाला कर्पूरी ठाकुर को मिला देश के सबसे बड़े सिविलयन अवार्ड भारत रत्न कर्पूरी जी अपना पुरे जीवन समाज सेवा में ही गुजार दिया और समाज के सुधर के लिए अनेको कदम उठाये जननायक कर्पूरी ठाकुर का जन्म बिहार के समस्तीपुर जिले के पितौंझिया गाऊँ में 24 जनवरी 1924 को नाइ जाती में हुआ था वह पहली बार 1952 में विधायक बना था

कर्पूरी ठाकुर: बिहार के जननायक कर्पूरी ठाकुर को मिला भारत रत्न

कर्पूरी ठाकुर जी बिहार के दूसरा उप-मुख्यमंत्री और दो बार मुख्यमंत्री रह चुके थे कर्पूरी जी एक राजनेता तो थे हि परन्तु वह स्वतन्रता सेनानी और शिक्षक भी रह चुके है उनके अनेको कार्य को देखते हुए मरणोपरांत भारत सरकार ने 23 जनवरी 2024 को देश के सबसे बड़े सिविलियन अवार्ड भारत रत्न से जननायक कर्पूरी ठाकुर को सर्वोच्य नागरिक सामान देने की घोसना की गई

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कर्पूरी ठाकुर जी का जहा जन्म हुआ था उस गांव का नाम था पितौंझिया गांव लेकिन उनके लोकप्रियता को देखते हुए उस गांव का नाम अब कर्पूरी ग्राम कहा जाता है वह एक (बर्बर)नाइ परिवार में पैदा हुआ था जिसका मुख्य पेशा बाल काटना होता है उनके पिता जी का नाम गोकुल ठाकुर था जो एक किसान था और वे किसानी कर के अपना जीविका चलाया करते थे

कर्पूरी ठाकुर का प्रारंभिक शिक्षा

कर्पूरी ठाकुर का जन्म ब्रिटिश शासन कल में हुआ था जब देश आजाद भी नहीं हुआ था वह अपना प्रारंभिक शिक्षा समतीपुर स्कूल से लिया था बाद में 1940 में मैट्रिक परीक्षा पास करने के बाद पटना यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की परीक्षा सेकंड डिवीज़न से पास किया तभी 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन छिड़ गया तो कर्पूरी ठाकुर ने उस आंदोलन में कूद गया तब उन्हें भागलपुर के कैंप जेल में यातनाये झेलने के बाद 26 महीने में उसे जेल से रिहा किया गया वही कर्पूरी जी 1948 में आचार्य नरेन्द्र देव एवं जय प्रकाश नारायण के समाजवादी दाल के प्रादेशिक मंत्री बने

उन्होंने सन 1967 के आम चुनाव में कर्पूरी ठाकुर के नेतृत्व में संयुक्त समाजवादी दाल बड़ी तेजी से उभरी तब जननायक कर्पूरी ठाकुर को 1970 में बिहार के मुख्यमंत्री बनाया गया

कर्पूरी ठाकुर हमेशा शोषित, पिछड़ा, दलित और वंचित लोगो के उथान के लिए कर करते रहे और उनका सदा जीवन, सरक सुभाउ तथा स्पस्ट विचार हमेशा लोगो को प्रभित करते रहे कर्पूरी ठाकुर दूरदर्शी होने के साथ -साथ उच्च विचार को लोग थे वह अपने से काम किसी को भी नहीं सझता था

कर्पूरी ठाकुर की जीवनि

Attributes Details
Name Jannayak Karpuri Thakur
DOB 24 January, 1924
Education Graduation (Patna University)
Profession Freedom Fighter, Teacher and Politician
Political Dal Socialist Party, Janta Dal, Bhartiya Kranti Dal and Lok Dal
Death 17 February, 1988 (64 Years)
Position Former chief Minister two Times
Father Gokul Thakur
Mother Ram Dulari Devi
Nationality Indian
Religion Hindi (Barber)
Awards Bharat Ratan
कर्पूरी ठाकुर जब एक बार पटना के टॉकीज हाल में भाषण दे रहे थे स्टूडेंट्स को सम्बोधित करते हुए कहा था की हम इंडियन इतने है की थूक भी फेक दे तो ब्रिटिश पानी की तरह बाह जायेगा तभी इस भाषण से कारन उससे दंड भी झेलना पड़ा था
राजनितिक जीवन

वह हमेशा देश वासिओ को अपने अधिकार के बारे में जानने के लिए प्रेरित किया करते थे तभी लोग उससे जननायक के नाम से पुकारते थे जननायक कर्पूरी ठाकुर सरल स्वभाव के नेता मने जाते थे जान सेवा के कारन ही उसे जननायक कहा जाने लगा वह हमेश गरीबो की मदद के लिए तत्पर रहता था

कर्पूरी ठाकुर मुख्यमंत्री होते हुए पिछड़े बर्ग को 12 प्रतिशत आरक्षण दिया था मुंगेरी लाल आयोग के तहत तथा उनके जीवन लोगो के लिए आदर्श से काम नहीं है जब वह 1967 में पहली बार उप-मुखयमंत्री बना बिहार में तब उन्होंने बिहार में मेट्रिक परीक्षा से इंग्लिस सब्जेक्ट के अनिवार्ता खत्म कर दिया था क्यू की ज्यादा छात्र और छात्रएं फेल हो जाता था तब Karpuri Thakur ने उस पर विचार कर के अंग्रेजी सब्जेक्ट की अनिवार्ता ख़तम कर दिया था क्यू की उस समय अंग्रेजी 8 और 10 क्लास से शुरू होता था वही कारन था की बच्चे ज्यादा फेल हो जाता था

पूछे जाने वाला प्रश्न

Q. कर्पूरी ठाकुर की पत्नी का नाम

Ans –

Q. कर्पूरी ठाकुर मुख्यमंत्री कब बने ?

Ans – जननायक कर्पूरी ठाकुर सन 1970 बिहार के मुख्यमंत्री बने थे

Q. जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती

Ans – कर्पूरी ठाकुर जन्म 24 जनवरी 1924 को हुआ था और उनका देहांत – 17 फरवरी 1988 को हुआ था वे एक महान नेता थे

Q. कर्पूरी ठाकुर का जन्म कब और कहां हुआ था

Ans -जननायक कर्पूरी ठाकुर का जन्म बिहार के समस्तीपुर जिले के पितौंझिया गाऊँ में 24 जनवरी 1924 को नाइ जाती में हुआ था

Q. कर्पूरी ठाकुर को कौन कौन सा कार्य करने में आनंद मिलता था?

Ans – वह बिहार के दो बार मुख्यमंत्री रहा और एक बार उप-मुख्यंत्री और बिहार में पिछड़ा बर्ग के लिए आरक्षण के लिए भी काम किया था

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